राष्ट्रकूट शासक गोविन्द द्वितीय एवं ध्रुव प्रथम(Rashtrakuta ruler Govind II and Dhruva I)
कृष्ण प्रथम के उपरांत उसका ज्येष्ठ पुत्र गोविन्द द्वितीय उत्तराधिकारी हुआ जिसे प्रभूतवर्ष, विक्रमावलोक अथवा प्रतापावलोक इत्यादि उपाधियों से विभूषित...
कृष्ण प्रथम के उपरांत उसका ज्येष्ठ पुत्र गोविन्द द्वितीय उत्तराधिकारी हुआ जिसे प्रभूतवर्ष, विक्रमावलोक अथवा प्रतापावलोक इत्यादि उपाधियों से विभूषित...
प्राचीन भारतीय देव मण्डल में देवताओं के साथ -साथ गणों का भी उल्लेख प्राचीन भारतीय साहित्य में मिलता है। अथर्ववेद...
इन्द्र प्रथम के बाद उसका पुत्र दन्तिदुर्ग उत्तराधिकारी हुआ। इसके सिंहासनारोहण की तिथि मूलतः 735 एवं 745 ई0 के मध्य...
राष्ट्रकूट राजवंश दक्षिण भारत की उन प्रमुख शक्तियों में विशिष्ट महत्व रखता है जिसने न मात्र दक्षिण वरन् अखिल भारतीय...
प्रत्येक देश में सामाजिक संगठन, विभाजन एवं स्तरीकरण का स्वरूप उसकी अपनी भौगोलिक परिस्थितियों, जीवन की आवश्यकताओं, सांस्कृतिक परम्पराओं और...
मध्य पाषाणकाल का समय लगभग 10हजार से 5हजार ई0पू0 था। पुरा पाषाणकाल के अवसान के बाद पारिस्थितिकीय एवं पर्यावरणीय दशाओं...
मानव सभ्यता के विकास का इतिहास किसी आकस्मिक घटना क्रम का परिणाम नहीं वरन् हजारों वर्षों के उत्थान-पतन के क्रमिक...
डॉ एस एन वर्मा एसोसिएट प्रोफेसर इतिहास, राजकीय महाविद्यालय सेवापुरी वाराणसी। सिक्ख धर्म मध्यकालीन भक्ति आंदोलन का अनिवार्य उत्पाद था...
धार्मिक स्थितिः भारतीय समाज में धर्म का महत्वपूर्ण स्थान है। नैतिक नियमों के पालन से ही मानव का हित...
इतिहास के वातायन से अतीत का मूल्यांकन करना सहज कार्य नहीं है, विशेष कर जब ऐतिहासिक लिपियों, साक्ष्यों और चरित्रों...