Accient History

चोल शासक राजेन्द्र प्रथम-परकेशरीवर्मन (1014 ई.-1044 ई.): गंगैकोण्ड(Chola ruler Rajendra Pratham-Parakeshivarman (1014 AD-1044 AD): Gangaikond)

राजराज के पश्चात् उसका पुत्र राजेन्द्र प्रथम 1012 ई. में चोल सिंहासन पर आरूढ़ हुआ। लगभग तीन वर्षों तक पिता-पुत्र...

चोल राजवंश(Chola dynasty)

दक्षिण भारत के प्राचीनतम राजवंश- सुदूर दक्षिण के प्राचीन इतिहास में वहाँ की तीन परम्परागत राजनीतिक शक्तियों का वर्णन मिलता...

राष्ट्रकूट शासक गोविन्द चतुर्थ (930-36 ई.)(Rashtrakut ruler Govind IV-930-36)

सिंहासनारोहण के समय इसकी अवस्था लगभग 26 वर्ष की थी। प्रभूतवर्ष तथा अत्यधिक स्वर्णदान देने के कारण सुवर्णवर्ष की उपाधियों...

राष्ट्रकूट शासक गोविन्द द्वितीय एवं ध्रुव प्रथम(Rashtrakuta ruler Govind II and Dhruva I)

कृष्ण प्रथम के उपरांत उसका ज्येष्ठ पुत्र गोविन्द द्वितीय उत्तराधिकारी हुआ जिसे प्रभूतवर्ष, विक्रमावलोक अथवा प्रतापावलोक इत्यादि उपाधियों से विभूषित...

प्राचीन भारत में आकाशचारी देव गंधर्व(praacheen bhaarat mein aakaashachaaree dev gandharv)

प्राचीन भारतीय देव मण्डल में देवताओं के साथ -साथ गणों का भी उल्लेख प्राचीन भारतीय साहित्य में मिलता है। अथर्ववेद...

राष्ट्रकूट शासक दन्तिदुर्ग (735ई0 या 745-755 या 758ई0) (भाग- दो)Rashtrakuta ruler Dantidurga (735 AD or 745-755 or 758 AD) (Part-II)

इन्द्र प्रथम के बाद उसका पुत्र दन्तिदुर्ग उत्तराधिकारी हुआ। इसके सिंहासनारोहण की तिथि मूलतः 735 एवं 745 ई0 के मध्य...

प्राचीन भारत में वर्णो की उत्पत्ति:(Origin of varnas in ancient India)

प्रत्येक देश में सामाजिक संगठन, विभाजन एवं स्तरीकरण का स्वरूप उसकी अपनी भौगोलिक परिस्थितियों, जीवन की आवश्यकताओं, सांस्कृतिक परम्पराओं और...